Thursday 24 November 2016

क्या आज़ादी के लिए आप तैयार है

चश्मे से छुटकारा पाने का उत्तम तकनीक है। इससे व्यक्ति की कुदरती रोशनी को ओर भी स्पष्ट किया जा सकता है. प्रस्तुत है इस तकनीक के बारे में कुछ जानकारी।

1) लेसिक लेज़र से आंख का नंबर किस प्रकार टिक होता है ?

लेसिक लेज़र में क्लासिक किरणे द्वारा हमारी आंख की सबसे सामने वाली पारदर्शी क्षिल्ली यानि कार्निया के तराश कर आंख का नंबर पूरी तरह तथास्थायी रूप से टिक किया जाता है।

2 ) लेसिक लेसर कैसे किया जाता है ?

कंप्यूट के द्वारा जाँच करने के बाद मरीज की आंखों में सुन्न करने की दवाई डाली जाति है जिससे मरीज को दर्द महसूस न हो, इसके बाद मरीज लो लेसर मशीन के नीचे लिटा दिया जाता है। मरीज को सम्बधित सम्पूर्ण जानकारी लेसर की कंप्यूटर में दाल दी जाती है। एक विशेष मशीन ( लैसेरक्रोकोरैटोम ) द्वारा आंख की काली पुतली ( कॉर्निया ) के ऊपरी हिस्से से पतली माईक्रोन ( प्याज की क्षिल्ली जितनी ) परत उड़ा दी जाती है। इसके बाद लेसर किरणे आंखों में डाली दी जाती है। इक आंख में लैसर करने में कुल 20 से 60 सेकंड का समय लगता है। परत लो वापस उसी जगह रख दिया जाता है जिसे प्राकृतिक रूप में चिपकने में दो मिनट लगते है। एक आपरेशन में आठ से दस मिनट लगता है।
http://eye-care-hospital.com/c-lasik/
 

3 ) सी लेसिक क्या हैं

हमारी आंख में स्फेरिकल तथा सिलिन्ट्रिकल नंबरों के आलावा और भी कमियं होती हे जिन्हें हम ऑप्टिकल एब्रेशन करते हैं। इन कमियों के कारन रौशनी का सही फोकस आंख के परदे पर नहीं बन पाता। सी लेसिक के द्वारा हम इन कमियों लो को दूर कर देते हैं। जिससे परदे पर बनने वाला फोकस ज़्यादा स्पष्ट हो जाता है तथा दृष्टी सामान्य दृष्टि से अन्य हो जाती है।

4 ) सी लेसिक लेसर के किस प्रकार किया जाता है ?

सी लेसिक करने का तरीका वही है जो लेसिक लैसर का है। अन्तर केवल कंप्यूटर में डालने वाली जानकारी में है। सी लेसिक में हम एब्रेशन को नापकर कंप्यूटर में दाल देते हैं, जिससे चश्मे के नंबर के साथ साथ यह एब्रेशन भी टिक हो जाते है तथा दृष्टी में स्पष्टता और बढ़ जाती है।

5 ) सी लेसिक के कितने नंबर तक टिक किये जा सकते है ?

सी लेसिक द्वारा -18 . 0 व + 8 . 0 तक नंबर ठीक किया जा सकते हैं।

6 ) क्या सी लैसिक के बाद कोई परेशानी होती है ? 

लेसर के बाद कोई परेशानी नहीं होती। इसको करने के वक्त हल्का सा दबाव महसूस होता है। कई मरीजों को आपरेशन के 3 - 4 खंडे तक असुविधा हो सकती है जिसे दवाईयों द्वारा ठीक किया जा सकता है।

7 ) आपरेशन के एक दिन बाद कैसा महसूस होगा ? 

आपरेशन के एक दिन बाद आपको इसमेसे कुछ असुविधाएं हो सकती है :-

1 ) पढ़ने में परेशानी

2 ) बिजली का रोशनी का फैला हुआ दिखना

3 ) रात को गाड़ी चलाने में परेशानी


8 ) आपरेशन के बाद कब काम पर लौट सकते है ?

आपरेशन के अगले दिन ही तुम काम पर लौट सकते हैं।

9 ) क्या चश्मा बिलकुल हट जायेगा ? 

चश्मे का बिलकुल हटना आपके नंबर पर निर्भर करता हे। लगभग 97 % - 98 % लोगों में बिलकुल हट जाता है।
 

10) क्या चश्मा फिर नही लगेगा ? 
एक बार उतर जाने पर चश्मे के ज़रूरत नहीं पड़ेगी। 40 साल की उमर के बाद नज़दीक के चश्मे की ज़रूरत पड़ सकती है।
 

11 ) 10 से 20 वर्ष के बाद आंख कैसा व्यवहार करती है ? 
विश्व में पहले 16 सालों से लेसिक लेसर प्रयोग में है। इसके नतीजे अभी तक स्थिर हे इसलिए आने वाले वर्षों में भी कोई कमी आने की संभावना नहीं है।
 

12) क्या एक ही दिन में दोनों आंखों का आपरेशन हो सकता हे ?
हाँ ज़्यादातर ऐसा ही किया जाता है , परन्तु अपनी इच्छानुसार अगले दिन भी कराया जा सकता है।

 

13 ) कितने समय तक दवाईयं डालनी पड़ती है ? 
आमतोर पर दवाईयं 4 सपताह तक डालने को कहा जाता है।

14 ) क्या किसी डॉक्टर ने अपना लैसर आपरेशन कराया है ?
जी हाँ , ना केवल भारत बल्कि विश्व के अन्य नेत्रा विशेषज्ञ्यों ने भी अपना लेसर आपरेशन करवाया है।

 

15 ) सी लेसिक नीरा आई सेंटर में ही क्यों ?

1. नीरा आई सेंटर पर पहले आप की आंख की पूरी तरह जाँच की जाती है। यदी आपकी आंख लेसर करने केलिए टिक हे तभी आपको लेसर करवाने की सलाह दी जाएगी। आप आंख की सुरक्षा को हम प्राधमिकता देते हैं।

2. आपरेशन के दौरान sterilization or Aspesis का पूरा ध्यान रखा जाता है। जिसके आंख में खतरा न हो।

3. आपरेशन ये पहले व् बाद में आपकी जाँच व् आपरेशन डॉ नीरा अग्रवाल द्वारा किया जायेगा। जो कॉर्निया तथा Refractive Surgery में विशेषज्ञ्ज हैं और इन्होंने दिल्ली में 1995 में सबसे पहले लेसिक आपरेशन शुरू किये तथा दिल्ली के काफी नेतरा विशेषज्ञ्यों को इसका प्रशिक्षण भी दिया। वे अब तक हज़ारों ऐसे आपरेशन कर चुकी हैं।

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